लेखनी प्रतियोगिता - समाज और हम
समाज और हम..
लोग कहते हैं,
समाज को साथ ले कर चलना,
और ये समाज,
हमें चलने ही कहां देता है,
बांध कर रखता है,
अपनी सदियों पुरानी,
परम्पराओं में,
और फिर
छोड़ देता है अकेला,
जिंदगी के कठिन रास्तों पर,
हमारी उलझनों के साथ।।
प्रियंका वर्मा
29/9/22
Shashank मणि Yadava 'सनम'
01-Oct-2022 04:42 PM
Wahhhh बहुत ही खूबसूरत और उम्दा रचना
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नंदिता राय
29-Sep-2022 04:28 PM
शानदार
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Reena yadav
29-Sep-2022 02:49 PM
👍👍
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